sidh kunjika No Further a Mystery
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
इसके लिए मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसे देवी की तस्वीर के दाईं तरफ रखें.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः